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साबित करना होगा विधायकों का बहुमत
New Delhi. नई दिल्ली। हेमंत सोरेन ने झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. वहीं अब शपथ ग्रहण के बाद हेमंत सोरेन की पहली परीक्षा होने वाली है. नई सरकार का कल फ्लोर टेस्ट होना है।
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के इस्तीफा के बाद हेमंत सोरेन महागठबंधन विधायक दल के नेता चुने गये। उन्होंने राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है। सरकार बनने के बाद झारखंड विधानसभा में विश्वास मत साबित करना होगा। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट आसान होगा। झारखंड विधानसभा में अभी 76 सदस्य हैं और बहुतम साबित करने किए 39 मतों की आवश्यकता होगी। दलगत स्थिति में झामुमो-कांग्रेस-राजद के पास बहुमत से बहुत ज्यादा वोट हैं।
झारखंड के चार विधायकों के सांसद बनने, विधायक सीता सोरेन के इस्तीफे और कल्पना सोरेन के विधायक बनने के बाद झारखंड विधानसभा का समीकरण बदल चुका है। झारखंड विधानसभा की 81 में से अब पांच क्षेत्र जामा, शिकारीपाड़ा, बाघमारा, हजारीबाग, मनोहरपुर सीट खाली हो गई है। अब दलीय स्थिति को देखें तो वर्तमान में विधानसभा में कल्पना सोरेन को शामिल कर झामुमो के 27, बाबूलाल मरांडी को शामिल कर भाजपा के 24, प्रदीप यादव को जोड़ कर कांग्रेस के 17, आजसू के तीन, राजद के एक, भाकपा माले के एक, एनसीपी के एक और निर्दलीय दो सदस्य हैं।
व्हीप जारी कर सकती हैं पार्टियां : बहुमत साबित करने के दौरान वोटिंग करने के लिए राजनीतिक दल व्हीप जारी कर सकते हैं। पार्टी जिस दल के पक्ष में वोटिंग का व्हीप जारी करेगी, अगर उसके विधायक इसके खिलाफ गये तो उनकी सदस्यता खत्म की जा सकेगी। ऐेसे में भाजपा के विधायक जयप्रकाश भाई पटेल कांग्रेस में शामिल होकर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। उन पर विशेष नजर रहेगी। वहीं, झामुमो से बागी बन लोकसभा चुनाव लड़ने वाले लोबिन हेम्ब्रोम और चमरा लिंडा किस ओर मतदान करते हैं, यह भी देखना होगा। वहीं, कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम को भी जेल से फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति लेनी होगी।
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